क्रिप्टोकरेंसी लीगल या इलीगल? स्पष्ट करें

सुप्रीम
कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह बताने को कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी यानी
बिटकॉइन पर उसका कानूनी रुख क्या है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि
क्या यह अवैध है? एक आरोपी की जमानत से जुड़े मामले की सुन2वाई के दौरान
सुप्रीम कोर्ट ने उक्त मौखिक टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की
ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से क्रिप्टोकरेंसी के
मामले में सरकार का रुख स्पष्ट करने को कहा। क्या यह अवैध है या नहीं?
भाटी
ने तब कहा कि अदालत को सरकार के रुख से अवगत कराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट
के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच में एडिशनल
सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बिटकॉइन से जुड़े घोटाले के आरोपी के बारे
में कहा कि आरोपी जमानत पर रिहा होने के बाद जांच में ईडी का सहयोग नहीं कर
रहा है. ऐसे में उनकी जमानत रद्द की जानी चाहिए। इस दौरान जस्टिस
सूर्यकांत ने कहा कि आप बताएं कि क्रिप्टोकरेंसी पर आपका कानूनी रुख क्या
है। क्या आप इसे अपराध के रूप में देख रहे हैं? आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने
अगस्त 2019 में जमानत दे दी थी।
80 हजार बिटकॉइन घोटाला
80
हजार बिटकॉइन यानी 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में अजय भारद्वाज नाम का
शख्स आरोपी है। इस घोटाले के हजारों शिकार हैं। आरोपी जांच में सहयोग नहीं
कर रहा है। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अंतरिम आदेश को वापस भी
लिया जा सकता है. अदालत ने आरोपी को जांच में सहयोग करने और ईडी द्वारा
बुलाए जाने पर पेश होने को कहा है। अदालत ने जांच अधिकारी से चार सप्ताह के
भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा ताकि जांच की प्रगति और आरोपी
सहयोग कर रहे हैं या नहीं, यह दिखाया जा सके। गिरफ्तारी पर रोक अगली सुनवाई
तक जारी रहेगी।
0 Comments