खोजा गया 2000 साल पुराना प्राचीन शहर,' गायब' हो गए थे यहां के लोग, अब खुलेगा रहस्य!
खोए हुए शहर की खोज 2 हजार साल बाद इक्वाडोर के अमेज़ॅन वर्षावन में एक प्राचीन शहर की खोज की गई, जो उपानो घाटी में दबा हुआ पाया गया था । यह स्थान कम से कम 10,000 लोगों का घर था ।
प्राचीन शहर की खोज अमेज़ॅन वर्षावन के पहाड़ों के पास 2,000 साल बाद एक प्राचीन शहर की खोज की गई । यह रहस्यमय शहर एंडीज़ की तलहटी के नीचे उपानो घाटी की गहराई में दबा हुआ पाया गया था । यह साइट कम से कम 10,000 लोगों का घर थी, जो बाद में रहस्यमय तरीके से" गायब" हो गए । आखिर यहां के लोगों के साथ क्या हुआ, इस रहस्य से अब पर्दा उठेगा, क्योंकि विशेषज्ञ इस जगह से जुड़े सभी सवालों के जवाब ढूंढने में लग गए हैं ।
ऐसे हुई इस शहर की खोज सन रिपोर्ट के मुताबिक, इक्वाडोर में स्थित इस जगह पर कभी करीब 10,000 लोग रहते थे । इस प्राचीन शहर में चबूतरों, चौराहों, सड़कों, खेतों और नहरों की व्यवस्था थी । लेज़र सेंसर तकनीक ने एंडीज़ की तलहटी के नीचे सदियों से छिपे उपानो घाटी में दबे हुए मिट्टी के टीलों और सड़कों के एक नेटवर्क का खुलासा किया है ।
कई सड़कें बिल्कुल सीधी थीं. आवासीय और औपचारिक संरचनाएँ लगभग 6,000 मिट्टी के टीलों पर बनाई गईं, जो जल निकासी नहरों वाले कृषि क्षेत्रों से घिरी हुई थीं । सबसे चौड़ी सड़कें 33 फीट चौड़ी और 6 से 12 मील लंबी थीं ।
शोध के सह- लेखक और फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के पुरातत्वविद् एंटोनी डोरिसन के अनुसार, यह स्थल कम से कम 10,000 लोगों का घर था, और उनकी संख्या 15,000 से 30,000 के बीच हो सकती है । उपानो लोग, जिनकी संख्या अनुमानित 30,000 लोगों की है । 300 और 600ई.पू. के बीच रहस्यमय ढंग से" गायब" हो गया ।
लगभग 200 साल बाद, हुआपुला सभ्यता इस क्षेत्र में पहुंची, और जब तक यूरोपीय लोग दक्षिण अमेरिका पहुंचे, तब तक समृद्ध शहर ज्यादातर जंगल में दफन हो गए थे ।
यहाँ के टीले सबसे पहले किसने देखे?
प्रख्यात शोधकर्ता स्टीफन रोस्टेन और अन्य वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक पेपर में कॉलोनियों के नेटवर्क का वर्णन किया गया था । रोस्टेन ने पहली बार लगभग 20 साल पहले इस स्थान पर टीले देखे थे, उस समय उन्होंने कहा था कि उन्हें विश्वास नहीं था कि ऐसा कुछ भी अस्तित्व में हो सकता है, लेकिन अब वह इस" अविश्वसनीय" खोज का जश्न मनाते हैं । रोस्टेन ने कहा “ यह शहरों की एक खोई हुई घाटी थी । यह तो बहुत ही अच्छी बात है ।
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